राजस्थान के बारे में मुख्य बातें
राजधानी :- | जयपुर |
सबसे बड़ा शहर :- | जयपुर |
जनसंख्या :- | 6,85,48,437 |
घनत्व :- | 200.00 /किमी² |
क्षेत्रफल :- | 3,42,239.00 किमी² |
ज़िले :- | 33 |
राजभाषा :- | हिन्दी |
गठन :- | 30 मार्च 1956 |
सरकार :- | राजस्थान सरकार |
राज्यपाल :- | कलराज मिश्रा |
मुख्यमंत्री :- | अशोक गहलोत (कांग्रेस) |
विधानमण्डल :- | एकसदनीय |
विधान सभा :- | 200 सीटें |
भारतीय संसद :- | राज्य सभा (10 सीटें) |
भारतीय संसद :- | लोक सभा (25 सीटें) |
उच्च न्यायालय :- | राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर |
डाक सूचक संख्या :- | 30 से 34 |
वाहन अक्षर :- | RJ |
आइएसओ 3166-2 :- | IN-RJ |
राजस्थान की जलवायु :-
राजस्थान की जलवायु शुष्क से उप-आर्द्र मानसूनी जलवायु है। अरावली के पश्चिम में न्यून वर्षा, उच्च दैनिक एवं वार्षिक तापान्तर, निम्न आर्द्रता तथा तीव्र हवाओं युक्त शुष्क जलवायु है। दूसरी ओर अरावली के पूर्व में अर्धशुष्क एवं उप-आर्द्र जलवायु है। अक्षांशीय स्थिति, समुद्र से दूरी, समुद्र ताल से से ऊंचाई, अरावली पर्वत श्रेणियों की स्थिति एवं दिशा, वनस्पति आवरण आदि सभी यहाँ की जलवायु को प्रभावित करते हैं।
राजस्थान के प्रथम व्यक्तित्व :-
1. राजस्थान के प्रथम मुख्यमंत्री : हीरा लाल शास्त्री (30 मार्च 1948 से 5 जनवरी 1951 तक ) 2. राजस्थान के प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री : टीकाराम पालीवाल (3 मार्च 1952 से 31 अक्टूबर 1952 तक) राजस्थान के चौथे मुख्यमंत्री 3. राजस्थान के प्रथम राज्यपाल : श्री गुरुमुख निहाल सिंह (1 नवंबर 1956 से 16 अप्रैल 1962 तक) 4. राजस्थान के प्रथम मुख्य न्यायाधीश : कमलकांत वर्मा 5. राजस्थान के प्रथम विधानसभा अध्यक्ष : नरोत्तम जोशी 6. राजस्थान के प्रथम पुलिस महानिरीक्षक (IGP) : के. बनर्जी 7. राजस्थान के प्रथम पुलिस महानिदेशक (DGP) : रघुनाथ सिंह 8. राजस्थान की प्रथम महिला मुख्यमंत्री : वसुन्धरा राजे (8 दिसम्बर 2003 से 11 दिसम्बर 2008 तक) 9. राजस्थान की प्रथम महिला राज्यपाल : प्रतिभा पाटिल (8 नवंबर 2004 से 21 जून 2007 तक) 10. राजस्थान की प्रथम महिला विधानसभा अध्यक्ष: सुमित्रा सिंह
शिक्षण संस्थान :-
राज ऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय, अलवर समर्पित शिक्षण संस्थान, टपूकड़ा, अलवर राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर मोदी प्रौद्योगिकी तथा विज्ञान संस्थान, लक्ष्मणगढ़,सीकर जिला (मानद विश्वविद्यालय) वनस्थली विद्यापीठ (मानद विश्वविद्यालय), टोंक राजस्थान विद्यापीठ (मानद विश्वविद्यालय), उदयपुर बिड़ला प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान, पिलानी (मानद विश्वविद्यालय), आई. आई. एस. विश्वविद्यालय (मानद विश्वविद्यालय) जैन विश्व भारती विश्वविद्यालय (मानद विश्वविद्यालय) लाडनूं एलएनएम सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (मानद विश्वविद्यालय) मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मानद विश्वविद्यालय) जयपुर मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, जोधपुर राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय जयपुर बीकानेर विश्वविद्यालय, बीकानेर कोटा विश्वविद्यालय कोटा वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर मौलाना अबुल कलाम आजाद विश्वविद्यालय जोधपुर
राजस्थान के प्रसिद्ध स्थल :-
1. जयपुर :-
1. जयपुर इसके भव्य किलों, महलों और सुंदर झीलों के लिए प्रसिद्ध है, जो विश्वभर से पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। 2. चन्द्रमहल (सिटी पैलेस) महाराजा जयसिंह (द्वितीय) द्वारा बनवाया गया था और मुगल औऱ राजस्थानी स्थापत्य का एक संयोजन है। 3. महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने हवामहल 1799 ई. में बनवाया जिसके वास्तुकार लालचन्द उस्ता थे। 4. आमेर दुर्ग में महलों, विशाल कक्षों, स्तंभदार दर्शक-दीर्घाओं, बगीचों और मंदिरों सहित कई भवन-समूह हैं। 5. आमेर महल मुगल औऱ हिन्दू स्थापत्य शैलियों के मिश्रण का उत्कृष्ट उदाहरण है। 6. एल्बर्ट हॉल नामक म्यूजियम 1876 में, प्रिंस ऑफ वेल्स के जयपुर आगमन पर सवाई रामसिंह द्वारा बनवाया गया था और 1886 में जनता के लिए खोला गया। 7. गवर्नमेण्ट सेन्ट्रल म्यूजियम में हाथीदांत कृतियों, वस्त्रों, आभूषणों, नक्काशीदार काष्ठ कृतियों, लघुचित्रों, संगमरमर प्रतिमाओं, शस्त्रों औऱ हथियारों का समृद्ध संग्रह है। 8. सवाई जयसिंह (द्वितीय) ने अपनी सिसोदिया रानी के निवास के लिए 'सिसोदिया रानी का बाग' भी बनवाया। 9. जलमहल, शाही बत्तख-शिकार के लिए बनाया गया मानसागरझील के बीच स्थित एक सुंदर महल है। 10. 'कनक वृंदावन' अपने प्राचीन गोविन्देव विग्रह के लिए प्रसिद्ध जयपुर में एक लोकप्रिय मंदिर-समूह है। 11. जयपुर के बाजार जीवंत हैं और दुकानें रंग बिरंगे सामानों से भरी है, जिसमें हथकरघा-उत्पाद, बहुमूल्य रत्नाभूषण, वस्त्र, मीनाकारी-सामान, राजस्थानी चित्र आदि शामिल हैं। 12. जयपुर संगमरमर की प्रतिमाओं, ब्लू पॉटरी औऱ राजस्थानी जूतियों के लिए भी प्रसिद्ध है। 13. जयपुर के प्रमुख बाजार, जहां से आप कुछ उपयोगी सामान खरीद सकते हैं, जौहरी बाजार, बापू बाजार, नेहरू बाजार, चौड़ा रास्ता, त्रिपोलिया बाजार और एम.आई. रोड़ हैं। 14. राजस्थान राज्य परिवहन निगम (RSRTC) की उत्तर भारत के सभी प्रसुख गंतव्यों के लिए बस सेवाएं हैं। 15. जयपुर के निकट विराट नगर (पुराना नाम बैराठ) जहाँ पांडवों ने अज्ञातवास किया था, में पंचखंड पर्वत पर वज्रांग मंदिर नामक एक अनोखा देवालय है जहाँ हनुमान जी की बिना बन्दर की मुखाकृति और बिना पूंछ वाली मूर्ति स्थापित है जिसकी स्थापना अमर स्वतंत्रता सेनानी, यशस्वी लेखक महात्मा रामचन्द्र वीर ने की थी।
2. बालोतरा :-
यहा पर वस्र्त की रंगाई छपाई का कार्य होता है और इसकी महत्वपुर्ण बात यह है कि लुणी नदी का जल इस स्थान से पानी खारा(लवणीय)हो जाता है। यह बाड़मेर जिले मे आया हुआ है।
3. भरतपुर :-
1. ‘पूर्वी राजस्थान का द्वार’ भरतपुर, भारत के पर्यटन मानचित्र में अपना महत्व रखता है। 2. भारत के वर्तमान मानचित्र में एक प्रमुख पर्यटक गंतव्य, भरतपुर पांचवी सदी ईसा पूर्व से कई अवस्थाओं से गुजर चुका है। 3. 18 वीं सदी का घना पक्षी अभयारण्य , जो केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान के रूप में भी जाना जाता है। 4. लोहागढ़ आयरन फोर्ट के रूप में भी जाना जाता है, लोहागढ़ भरतपुर के प्रमुख ऐतिहासिक आकर्षणों में से एक है। जिसको कोई नहीं जीत पाया 5. भरतपुर संग्रहालय राजस्थान के विगत शाही वैभव के साथ शौर्यपूर्ण अतीत के साक्षात्कार का एक प्रमुख स्रोत है। 6. एक सुंदर बगीचा, नेहरू पार्क, जो भरतपुर संग्रहालय के पास है। 7. डीग जलमहल एक आकर्षक राजमहल है, जो भरतपुर के जाट शासकों ने बनवाया था।
4. जोधपुर :-
1. राठौड़ों के रूप में प्रसिद्ध एक वंश के प्रमुख, राव जोधा ने जिस जोधपुर की सन 1459 में स्थापना की थी, राजस्थान के पश्चिमी भाग में केन्द्र में स्थित राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर है और दर्शनीय महलों, दुर्गों औऱ मंदिरों के कारण एक लोकप्रिय पर्यटक गंतव्य है। 2. शहर की अर्थव्यस्था में हथकरघा, वस्त्र उद्योग और धातु आधारित उद्योगों का योगदान है। 3. मेहरानगढ़ दुर्ग, 125 मीटर ऊंचा औऱ 5 किमी के क्षेत्रफल में फैला हुआ, भारत के बड़े दुर्गों में से एक है जिसमें कई सुसज्जित महल जैसे मोती महल, फूल महल, शीश महल स्थित हैं। अन्दर संग्रहालय में भी लघुचित्रों, संगीत वाद्य यंत्रों, पोशाकों, शस्त्रागार आदि का एक समृद्ध संग्रह है। 4. जोधपुर रियासत, मारवाड़ क्षेत्र में 1250 से 1949 तक चली रियासत थी। इसकी राजधानी वर्ष 1950 से जोधपुर नगर में रही।
5. सवाई माधोपुर :-
1. सवाई माधोपुर शहर की स्थापना जयपुर के पूर्व महाराजा सवाई माधोसिंह प्रथम ने 1765 ईस्वी में की थी और इन्हीं के नाम पर 15 मई, 1949 ई. को सवाई माधोपुर जिला बनाया गया। मीणा बाहुल्य इस जिले का ऐतिहासिकता के तौर पर काफी महत्व है। 2. राजस्थान राज्य का प्रथम राष्ट्रीय उद्यान इसी जिले में स्थित है, जिसे रणथम्भोर राष्ट्रीय उद्यान के नाम से जाना जाता है। इस उद्यान के कारण सवाई माधोपुर को 'टाइगर सिटी' के नाम से भी राजस्थान में पहचान मिली हुई है। 3. सवाई माधोपुर जिले में चौहान वंश का ऐतिहासिक रणथंभोर दुर्ग विश्व धरोहर में शामिल है, अपनी प्राकृतिक बनावट व सुरक्षात्मक दृष्टि से अभेद्य यह दुर्ग विश्व में अनूठा है। इस दुर्ग का सबसे प्रसिद्ध शासक महाराजा हम्मीर देव चौहान राजस्थान के इतिहास में अपने हठ के कारण काफी प्रसिद्ध रहा है।
उद्योग :-
1. सूती वस्त्र उद्योग :-
यह राजस्थान का सबसे प्राचीन एवं सुसंगठित उद्योग है। राजस्थान में सबसे पहले 1889 में द कृष्णा मिल्स लिमिटेड की स्थापना देशभक्त सेठ दामोदर दास ने ब्यावर नगर में की थी। यह राजस्थान की पहली सूती वस्त्र मिल थी।
सर्वाजनिक क्षेत्र में तीन मिल है -
1. महालक्ष्मी मिल्स लिमिटेड, ब्यावर अजमेर 2. एडवर्ड मिल्स लिमिटेड, ब्यावर अजमेर 3. विजय काटन मिल्स लिमिटेड, विजयनगर अजमेर
राजस्थान में सहकारी सूती मिल है -
1. गंगापुर - भीलवाड़ा में 2. गुलाबपुरा - भीलवाडा में 3. हनुमानगढ़ में
प्रमुख नीजि सुती मिलें
1. द कृष्णा मिल्स लिमिटेड, ब्यावर, अजमेर (राजस्थान की प्रथम सुती मिल, 1889 में) 2. मेवाड़ टैक्सटाइल मिल्स लिमिटेड - भीलवाड़ा(1938) 3. महाराजा उम्मेद मिल्स लिमिटेड - पाली(1942) 4. राजस्थान स्पीनिंग एण्ड विविंग मिल्स लिमिटेड - भीलवाड़ा(1960)
2. चीनी उद्योग :-
राजस्थान में सर्वप्रथम चित्तौड़गढ़ ज़िले में भोपालसागर नगर में चीनी मिल द मेवाड़ सुगर मिल्स के नाम से सन् 1932 में प्रारम्भ की गई। दूसरा कारखाना सन् 1937 में श्रीगंगानगर में द श्रीगंगानगर सुगर मिल्स के नाम से स्थापित हुआ। इसमें मिल में शक्कर बनाने का कार्य 1949 में प्रारम्भ हुआ। 1958 में इस चीनी मिल को राज्य सरकार ने अधिगृहीत कर लिया तथा यह सार्वजनिक क्षेत्र में आ गई। 1975 में बूंदी ज़िले के केशोराय पाटन में चीनी मिल सहकारी क्षेत्र में स्थापित की गई। वर्तमान में बंद है सन् 1919 में उदयपुर में चीनी मिल निजी क्षेत्र में स्थापित की गई। चुकन्दर से चीनी बनाने के लिए श्रीगंगनगर सुगर मिल्स लिमिटेड में एक योजना 1968 में आरम्भ की गई थी। चीनी उद्योग :- 1. द मेवाड़ शुगर मिल्स लिमिटेड - भोपाल सागर, चित्तौड़गढ़ नीजि क्षेत्र में कार्यरत, राजस्थान की प्रथम चीनी मिल्स - 1932 2. गंगानगर शुगर मिल्स लिमिटेड - कमिनपुरा, गंगानगर 3. केशवरायपाटन सहकारी शुगर मिल्स लिमिटेड - केशवरायपाटन, बूंदी(सहकारी क्षेत्र में)
3. सीमेन्ट उद्योग :-
सीमेन्ट उद्योग की दृष्टि से 'राजस्थान का पूरे भारत में प्रथम स्थान है। यहां पर सर्वप्रथम 1907 में समुद्री सीपियों से सीमेन्ट बनाने का प्रयास किया गया था। 1915 ई. राजस्थान में लाखेरी, बूंदी में क्लिक निक्सन कम्पनी द्वारा सर्वप्रथम एक सीमेन्ट संयंत्र स्थापित किया गया। 1914 में इस कारखाने में सीमेन्ट बनाने का कार्य प्रारम्भ किया गया।
4. काँच उद्योग
राजस्थान में काँच प्राप्ति के मुख्य स्थल जयपुर, बीकानेर, बूंदी तथा धौलपुर ज़िले है जहां उपयुक्त रूप से काँच की प्राप्ति होती है। द हाई टेक्निकल प्रीसीजन ग्लास वर्क्स सार्वजनिक क्षेत्र में धौलपुर में राजस्थान सरकार का उपक्रम है जो श्रीगंगानगर सुगर मिल्स के अधीन है। काँच उद्योग के मामले में राजस्थान उत्तर प्रदेश के बाद दुसरे स्थान पर है।
5. ऊन उद्योग
संपूर्ण भारतवर्ष में 42% ऊन राजस्थान से उत्पादित होती है। इस कारण राजस्थान भर में कई ऊन उद्योग की मिलें विद्यमान है जिसमें स्टेट वूलन मिल्स (बीकानेर ), जोधपुर ऊन फैक्ट्री, विदेशी आयात - निर्यात संस्था, कोटा इत्यादि है।
No comments:
Post a Comment