शककराचार्य द्वारा स्थाधघित मठ :-
1. गोवर्धनपीठ-.-पुरी (ओडिशा) 2. शारदापीठ--द्वारका (गुजरात) 3. ज्योतिषपीठ--बद्रीनाथ (उत्तराखण्ड) 4. श्रृंगरीपीठ--मैसूर (कर्नाटक) धंग एक महान् निर्माता भी था । जिसने खजुराहो में अनेक भव्य मन्दिरों का निर्माण करवाया | जिनमें जिननाथ , विश्वनाथ और वैद्यनाथ मन्दिर उल्लेखनीय हैं। धंग के बाद उसके पुत्र गण्ड ने 1008 ई. में महमूद गजनवी का सामना करने के लिए जयपाल के पुत्र आनन्दपाल द्वारा बनाये गये संघ में भाग लिया। विद्याधर (1019-20 ई .) चन्देल शासकों में सर्वाधिक शक्तिशाली शासक था । उसने गुर्जर- प्रतिहार शासक राज्यपाल को 10199 ई. में मार दिया था, क्योंकि वह महमूद गजनवी से युद्ध करने के स्थान पर भाग खड़ा हुआ था। विद्याधर ने मालवा के परमार शासक भोज तथा कलचुरी शासक गांगेय देव को पराजित कर उसे अपने अधीन किया। उसका शासन काल चन्देल साम्राज्य के चरमोत्कर्ष को व्यक्त करता है। चन्देलों का अन्तिम शक्तिशाली शासक परमर्दिदेव (परमल) था जिसे 1182 ई. में पृथ्वीराज तृतीय ने पराजित किया। 1202 ई. में परमर्दिदेव ने कुतुबुद्दीन ऐबक की अधीनता स्वीकार कर ली इस पर उसके मंत्री जयदेव ने उसकी हत्या कर दी | खजुराहो चन्देलों की स्थायी राजधानी थी।
तथ्य :-
गंग वंश के राजा राजमल चतुर्थ के मन्त्री व सेनापति “धामुण्डराय” ने 974 ई. में श्रवणवेलगोला में गोमतेश्वर की विशाल प्रतिभा स्थापित करवायी | वाकाटक वंश के शासक प्रवरसेन प्रथम ने चार अश्वमेध यथा तथा एक बाजपेय यज्ञ किया था। द्रौपदी रथ मन्दिर सबसे छोटा तथा भीम रथ मन्दिर सबसे बड़ा है। पुण्ड्रवर्धन भुक्ति राज्य उत्तरी बंगाल में स्थित था। राजपूतों द्वारा मुस्लिम आक्रमणकारियों से स्त्रियों की रक्षा के लिए जौहर प्रथा का प्रचलन हुआ | इसमें सभी राजपूत पुरुषों के युद्ध में मारे जाने के पश्चात् किले में सभी स्त्रियाँ सामूहिक रूप से चिता में कूदकर अपनी जान दे देती थीं।
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