जन्म :- 356 ई. पू. पिता का नाम :- फिलिप (मकदूनिया का शासक) गुरु :- अरस्तू सेनापति :- सेल्यूकस भारत विजय अभियान के तहत् सिकन्दर ने 326 ई. पू. में बल्ख (बैक्ट्रिया) को जीतने के बाद काबुल होते हुए हिन्दूकुश पर्वत को पार किया। तक्षशिला के शासक आम्भी ने आत्म-समर्पण के साथ उसका स्वागत करते हुए उसे आगे के अभियान में सहयोग का वचन दिया । 326 ई. पू. में सिकन्दर को झेलम नदी के तट पर पौरव राज पोरस के साथ “वितस्ता का युद्ध ” करना पड़ा | इस युद्ध में पोरस की पराजय हुई | इस युद्ध को “हाइडेस्पीज का युद्ध ' नाम से भी जाना जाता है। आगे के अभियान के लिए सिकन्दर के सैनिकों ने व्यास नदी पार करने से इनकार कर या। सिकन्दर ने निकैया (विजयनगर) तथा बुकाफेला (घोड़े के नाम पर) नामक दो नगरों की स्थापना की। सिकन्दर विजित भारतीय प्रदेशों को अपने सेनापति फिलिप को सौंपकर वापस लौट गया । लगभग 323 ई. में बेबीलोन में उसका निर्धन हो गया । भारत में यूनानी प्रभाव वन्श 'क्षत्रप प्रणाली और “उलूक शैली” के सिक्कों का प्रचलन शुरू हुआ।
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